लेखनी प्रतियोगिता -22-Nov-2021 - कवि की तो होती दुनिया निराली है
कवि की दुनिया निराली होती हैं
कवि की तो होती दुनिया निराली हैं,
जज्बातों के निकलने की तैयारी हैं |
कलम हैं यहाँ रास्ता देख रही ,
दिल से कह कर देखो तो सही,
हर तरह के कवियों की बहार देखो,
बगिया में फैली इत्र की फुहार देखो |
अपनी एक अलग दुनिया बनाता कवि,
कल्पना लोक में ही उड़ान लगाता कवि,
हर चीज को अलग अंदाज से देखें ,
भावों को शब्दों में ढ़ालता है कवि |
उसकी ताकत कलम ही हैं होती ,
अन्याय को वो नहीं है ढ़ोती ,
विद्रोह करना कवि हैं जानता,
जगा सकता उनको जो दुनिया है सोती |
भविष्य अपनी कलम से गढ़ सकता हैं,
शब्दों के तीरों को वो चला सकता हैं,
सब सुनते हैं अपने दिलो-दिमाग की ,
कवि संवेदनाओं को जगा सकता हैं |
आईना दिखा देता है नेताओं को भी ,
संस्कारों को जोड़ दे सभ्यता से भी,
परिवर्तन ला सकता है कवि राजनीति में,
बुझा सकता शब्दों से भड़कती आग को भी |
प्रेमी प्रेमिका के दिलों में उतरकर ,
भावों को उनके शब्दों में अभिव्यक्त कर ,
रसों से अभिभूत कवि कर हैं सकता ,
झील सी आँखों की उपमाएँ वो देकर |
कवि की तो होती दुनिया निराली हैं,
जज्बातों के निकलने की तैयारी हैं |
शिखा अरोरा (दिल्ली)
(प्रतियोगिता हेतु)
fiza Tanvi
22-Nov-2021 09:30 PM
Good
Reply
Shikha Arora
22-Nov-2021 10:58 PM
Thank u so much🙏
Reply
Seema Priyadarshini sahay
22-Nov-2021 09:29 PM
बहुत खूबसूरत
Reply
Shikha Arora
22-Nov-2021 10:59 PM
धन्यवाद जी🙏
Reply
Niraj Pandey
22-Nov-2021 09:17 PM
बहुत खूब
Reply
Shikha Arora
22-Nov-2021 10:58 PM
धन्यवाद जी🙏
Reply